बिलासपुर एयरपोर्ट स्पेशल वीएफआर परिचालन शुरू करने वाला राज्य का पहला आरसीएस हवाई अड्डा बन गया है. पूर्वी क्षेत्र की दृष्टि से यह चौथा हवाई अड्डा है। स्पेशल वीएफआर संचालन के संबंध में अप्रोच कंट्रोल यूनिट स्थापित करने के लिए तकनीकी प्रक्रिया 24 फरवरी को सुरक्षा मूल्यांकन बैठक के साथ शुरुआत की गई।
बैठक में कोलकाता और रायपुर एयरपोर्ट के अधिकारी सहित उड़ान संचालन से संबंधित अधिकारियों ने भाग लिया. भारतीय विमानपत्तन प्राधिकरण मुख्यालय को सौंपे गए सुरक्षा मूल्यांकन के अनुमोदन के बाद रायपुर हवाई अड्डे के प्रशिक्षक ने बिलासपुर हवाई अड्डे के वायु यातायात नियंत्रण अधिकारी को सात दिवसीय सैद्धांतिक एवं सिमुलेटर प्रशिक्षण दिया. भारतीय विमानपत्तन प्राधिकरण मुख्यालय की ओर से गठित किए गए दो सदस्यीय बोर्ड ने वायु यातायात नियंत्रण अधिकारी के कौशल परीक्षण 31 मार्च को बिलासपुर हवाई अड्डे पर किया. वायु यातायात नियंत्रण अधिकारी श्रद्धा तिवारी व निखिल भुआर्य, स्पेशल वीएफआर संचालन की सुविधा के लिए एप्रोच कंट्रोल यूनिट स्थापित करने के लिए पूरी तरह से सक्षम पाए गए।
एयर स्पेस मैनेजमेंट के अनुमोदन मिलने के बाद 11 अप्रैल से स्पेशल वीएफआर चालू करने का आदेश जारी कर दिया गया. स्पेशल वीएफआर संचालन शुरू होने से न्यूनतम दृश्यता की आवश्यकता 5000 मीटर से घटकर 2800 मीटर हो जाएगी. स्पेशल वीएफआर परिचालन से कम दृश्यता के कारण उड़ानों के मार्ग परिवर्तन एवं कैंसलेशन की समस्या का समाधान हो जाएगा।
अब खराब मौसम में भी नहीं होगी उड़ानों की रद्द: यह बिलासपुरवासियों के लिए खुशी की बात है कि बिलासपुर हवाई अड्डा स्पेशल वीएफआर (विजुअल फ्लाइट रूल्स)परिचालन शुरू करने वाला राज्य का पहला हवाई अड्डा बन गया है। इसका मतलब है कि अब कम दृश्यता वाले मौसम में भी उड़ानें संचालित हो सकेंगी, जिससे उड़ानों के रद्द होने या मार्ग बदलने की समस्या कम होगी।
कैसे होगा संभव?
- एप्रोच कंट्रोल यूनिट स्थापित: 24 फरवरी से ही इसकी तकनीकी प्रक्रिया शुरू कर दी गई थी।
- विशेष प्रशिक्षण: रायपुर हवाई अड्डे के प्रशिक्षक ने बिलासपुर के वायु यातायात नियंत्रण अधिकारियों को 7 दिवसीय प्रशिक्षण दिया।
- कौशल परीक्षण: 31 मार्च को अधिकारियों के कौशल का परीक्षण किया गया और वे सफल रहे।
- न्यूनतम दृश्यता में कमी: स्पेशल वीएफआर के तहत, विमान 2800 मीटर दृश्यता में भी उतर और उड़ान भर सकेंगे, जो पहले 5000 मीटर हुआ करता था।
- बिलासपुर की मौसम स्थिति: यहाँ दृश्यता 3000 मीटर से कम नहीं होती, इसलिए रद्द उड़ानों की समस्या का समाधान हो जाएगा।
संभावित लाभ:
- कम उड़ान रद्द: खराब मौसम में भी उड़ानें संचालित हो सकेंगी।
- बेहतर कनेक्टिविटी: दिल्ली, कोलकाता और अन्य महानगरों से सीधी उड़ानों की संभावना बढ़ेगी।
- आर्थिक विकास: पर्यटन और व्यापार को बढ़ावा मिलेगा।
हवाई सुविधा जन संघर्ष समिति ने जताई खुशी:
समिति ने केंद्र सरकार का आभार जताया है और बिलासपुर से दिल्ली व कोलकाता के लिए सीधी उड़ानों और अन्य महानगरों से कनेक्टिविटी बढ़ाने की मांग की है।
यह निश्चित रूप से बिलासपुर और पूरे छत्तीसगढ़ के लिए एक महत्वपूर्ण उपलब्धि है।
AVIJEET WANI ⚜️
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