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Bastar glass bridge project: बस्तर में 5 करोड़ की लागत से बनेगा ग्लास ब्रिज, पर्यटक करीब से निहार पाएंगे तीरथगढ़ जल प्रपात की खूबसूरती…

 

Bastar glass bridge project: बस्तर में 5 करोड़ की लागत से बनेगा ग्लास ब्रिज, पर्यटक करीब से निहार पाएंगे तीरथगढ़ जल प्रपात की खूबसूरती..

Bastar glass bridge project: बस्तर में 5 करोड़ की लागत से बनेगा ग्लास ब्रिज, पर्यटक करीब से निहार पाएंगे तीरथगढ़ जल प्रपात की खूबसूरती…

अविजीत वानी ✍️
27 जून 2024

बस्तर के कांगेर वैली नेशनल पार्क में पर्यटन की दृष्टि से बनाये जाने वाले ग्लास ब्रिज का सर्वे पूरा हो गया है. करीबन 5 करोड़ की लागत से तीरथगढ़ जल प्रपात के सामने बनाए जाने वाले ग्लास ब्रिज की बदौलत पर्यटक सुरक्षित तरीके से जल प्रपात की पूरी खूबसूरती को निहार पाएंगे.बारिश के मौसम में तीरथगढ़ जल प्रपात अपने रौद्र रूप में नजर आता है. उस वक्त पर्यटक इसे करीब से देखना तो चाहते हैं, लेकिन खतरे की वजह से जलप्रपात के करीब जाने से विभाग ने रोक लगा रखी है. कांच का ब्रिज बन जाने से पर्यटक बारिश के समय में भी तीरथगढ़ को करीब से देख पाएंगे.

यह ग्लास ब्रिज 5 करोड़ की लागत से बनाई जाएगी. 2025 तक यह ब्रिज बनकर तैयार हो जाएगा. हालांकि, इस ब्रिज से तीरथगढ़ का लुत्फ उठाने वाले पर्यटकों को टिकट लेना होगा, जिसकी दर आने वाले दिनों में तय की जाएगी।

सीसीएफ राजेश पांडे का कहना है कि तीरथगढ़ जल प्रपात में ग्लास ब्रिज बन जाने से पर्यटकों की संख्या और बढ़ेगी. यह ब्रिज लगभग 150 से 175 मीटर लंबी होगी. इस प्रकार के ब्रिज भारत में गिने-चुने ही हैं. इस लिहाज से ब्रिज के बन जाने से पर्यटकों की संख्या बढ़ने की पूरी संभावना है.

ग्लास ब्रिज से लगेंगे चार चांद

तीरथगढ़ से कांगेरघाटी राष्ट्रीय उद्यान की ओर से पर्यटकों की सुविधा के लिए तीरथगढ़ में ग्लॉस ब्रिज बनाया जा रहा है. ग्लास ब्रिज के लिए पुणे की कंपनी सर्वे कर रही है. ब्रिज के बनने के बाद यहां पर पर्यटकों की संख्या में इजाफा होगा. इसके साथ ही ग्लॉस ब्रिज बनने के बाद यहां ऊंचाई से वाटरफॉल का नजारा और मनमोहक हो जाएगा.

भगवान शिव से जुड़ी है मान्यता

वाटरफॉल पहाड़ी के सीढ़ीनुमा प्राकृतिक संरचनाओं पर गिरता है. इस कारण झरने से गिरने वाला पानी दुधिया दिखाई देता है. जिसे देखकर पर्यटकों का मन खुश हो जाता है. इस खूबसूरत झरने के अलावा यहां धार्मिक स्थल भी हैं जो भगवान शिव और माता पार्वती को समर्पित हैं. वाटरफॉल 300 फीट ऊपर से नीचे गिरता है. वाटरफॉल मुनगाबहार नदी पर स्थित पर बनता है.

पुणे की कंपनी ने शुरू किया सर्वे

इंद्रावती टायगर रिजर्व जगदलपुर के मुख्य वन संरक्षक (वन्यजीवन) एवं क्षेत्रीय निदेशक राजेश कुमार पांडेय ने बताया कि कांगेरघाटी राष्ट्रीय उद्यान स्थित तीरथगढ़ झरना (Teerathgarh Falls) को पर्यटकों की सुविधा के लिए ग्लॉस ब्रिज का निर्माण कराया जा रहा है. इसके लिए पुणे की कंपनी ने रविवार से सर्वे करना शुरू कर दिया है.

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Avijeet Wani

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