Central Jail Bilaspur: सेंट्रल जेल में नशे का सामान पर बैरकों की तलाशी:बिलासपुर में चीफ जस्टिस को लेटर लिखकर शिकायत, निरीक्षण में SP-कलेक्टर को कुछ नहीं मिला।

छत्तीसगढ़ के बिलासपुर के सेंट्रल जेल में गैंगवार के बाद जेल में नशे का सामानों का रेट फिक्स होने का आरोप लगा है। दुनियाजगत डॉट इन डिजिटल में हाईकोर्ट के चीफ जस्टिस को इसकी शिकायत करने की खबर प्रसारित होने के बाद जिला प्रशासन से लेकर जेल मुख्यालय तक हड़कंप मच गया है।
गुरुवार को कलेक्टर-एसपी सहित अफसरों ने जेल पहुंचकर औचक निरीक्षण करने का दावा भी किया। हालांकि, जांच के दौरान उन्हें कुछ नहीं मिला है। वहीं, अवैध वसूली के आरोपों पर जेल अधीक्षक से जानकारी मांगने का भी दावा किया गया है।
बता दें कि जेल में विराट अपहरण कांड के अभियुक्त को नंबरदार बनाकर अवैध वसूली कराने और रसूखदार कैदियों से मोटी रकम लेकर नशे का सामान उपलब्ध कराने का आरोप लगा है। कैदियों के परिजनों ने चौंकाने वाला खुलासा करते हुए चीफ जस्टिस को पत्र लिखकर जांच कराने की मांग की है।
कलेक्टर-एसपी का दावा- जेल के चप्पे-चप्पे की ली तलाशी जेल प्रशासन पर लगे गंभीर आरोपा के बाद गुरुवार को कलेक्टर अवनीश शरण, एसपी रजनेश सिंह, नगर निगम कमिश्नर अमित कुमार, एडिशनल एसपी उमेश कश्यप सहित राजस्व अफसरों की टीम सेंट्रल जेल पहुंची। दावा किया गया कि जेल का औचक निरीक्षण किया गया। इस दौरान बैरक, पाकशाला, अस्पताल जेल परिसर की जांच की गई।
अधिकारियों ने जेल के चप्पे-चप्पे की तलाशी लेने का दावा किया है। साथ ही कैदियों से बातचीत कर सुविधाओं की जानकारी लेने की बात कही है। जांच के दौरान सब कुछ संतोषप्रद मिला। कहीं कोई प्रतिबंधित सामान नहीं मिला। जेल में कुछ अव्यवस्थाएं मिली हैं, जिसे जेल अधीक्षक को दूर करने के निर्देश दिए गए हैं।
हवालाती कैदी के भाई ने भी की थी शिकायत
हाल ही में जेल में बंद कैदी नवीन निर्मलकर के भाई तरण निर्मलकर ने कलेक्टर अवनीश शरण से शिकायत की थी कि हत्या के आरोपी लोकेश तिवारी ने जेल में उसके भाई के साथ मारपीट की है। हमलावर लोकेश तिवारी पर कार्रवाई करने की बजाय उसके भाई को ही सेल में बंद कर दिया गया। लोकेश तिवारी विराट अपहरण कांड के सजायाफ्ता अनिल सिंह के संरक्षण में है।
अनिल सिंह जेल अधिकारियों का चहेता है। नियमों को दरकिनार कर उसे चक्कर नंबरदार बना दिया गया है। अनिल सिंह के संरक्षण के कारण ही लोकेश तिवारी विचाराधीन कैदी होने के बावजूद कैदी वार्ड में रखा जाता है। अनिल सिंह के माध्यम से कैदियों को प्रताड़ित कर उनसे पैसे वसूले जाते हैं।
कलेक्टर बोले- आरोपों पर जेल अधीक्षक से मांगी जानकारी
कलेक्टर अवनीश शरण ने कहा कि जेल के कैदियों के परिजन के द्वारा हाईकोर्ट के चीफ जस्टिस को लिखे पत्र और नशे के सामानों के रेट फिक्स करने के साथ ही पैसे की वसूली सहित अन्य आरोपों पर जेल अधीक्षक से जानकारी मांगी गई है। साथ ही उन्हें जेल की अव्यवस्थाओं को दूर करने के लिए कहा गया है। उन्हें कैदियों की सुविधाओं पर ध्यान देने के निर्देश भी दिए गए हैं।
बंदियों के परिजनों ने चीफ जस्टिस को लिखा पत्र
सेंट्रल जेल के कैदियों ने हाईकोर्ट के चीफ जस्टिस को पत्र लिखकर जेल प्रशासन पर कई गंभीर आरोप लगाए हैं। पत्र में जेल प्रशासन पर कैदियों से अवैध वसूली करने और बीड़ी, तंबाकू, गांजा के साथ ही नशीले पदार्थों के रेट तय करने का आरोप लगाया गया है।
कैदियों को नशीले पदार्थ मुहैया कराने के एवज में मोटी रकम भी वसूली जाती है। चीफ जस्टिस को लिखे पत्र में आरोपों की जांच कर दोषियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई करने की मांग की गई है।

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