Chhattisgarh News: Avijeet wani: जिले के ग्राम छोटेडोंगर निवासी वैद्यराज हेमचंद मांझी को आज देश के महामहिम राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू द्वारा नई दिल्ली स्थित राष्ट्रपति भवन में पद्मसे सम्मानित किया गया, जो कि जिले एवं प्रदेश के लिए गौरव की बात है। उन्होंने अपना पूरा जीवन इन्हीं जड़ी-बूटियों की खोज कर लगभग पांच दशकों से हजारों लोगों की बीमारियों का इलाज कर सेवा कर रहें।
दुनियाजगत डॉट इन न्यूज़ के अनुसार ग्राम छोटेडोंगर निवासी वैद्यराज हेमचंद मांझी को आज देश के महामहिम राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू द्वारा नई दिल्ली स्थित राष्ट्रपति भवन में पद्मसे सम्मानित किया गया, जो कि जिले एवं प्रदेश के लिए गौरव की बात है। उन्होंने अपना पूरा जीवन इन्हीं जड़ी-बूटियों की खोज कर लगभग पांच दशकों से हजारों लोगों की बीमारियों का इलाज कर सेवा कर रहें। आम जनता की इस अहर्निश सेवा के चलते केंद्र सरकार ने इन्हें पद्मसे सम्मानित करने का निर्णय लिया। उन्होंने जड़ी-बूटियों के माध्यम से अनेक बीमारियों में लोगों का उपचार किया है।
उल्लेखनीय है कि मांझी ने छोटेडोंगर में ऐसे समय में लोगों का जड़ी बूटियों से इलाज करने का निर्णय लिया जब यहां स्वास्थ्य सुविधाएं बिल्कुल नहीं थी। परिवार में किसी के वैद्य के पेशे में नहीं होने के बावजूद उन्होंने सेवाभाव के चलते यह निर्णय लिया। उनके अनुभव के चलते उनका ज्ञान बढ़ता गया और नारायणपुर जिले के अलावा प्रदेश एवं देश विदेश से मरीज भी उनके पास ईलाज कराने के लिए आते हैं।
मांझी कहते हैं कि बस्तर की वनौषधियों में जादू है। हम जंगल से अलग-अलग तरह की जड़ी-बूटी इकी करते हैं। इन्हें उचित अनुपात में मिलाते हैं और अलग-अलग तरह की बीमारियों का इस तरह से उपचार करते हैं। नाड़ी देखकर मर्ज का पता लगाते हैं और इसके मुताबिक इलाज करते हैं। कई बार जब एलोपैथी से लोग कैंसर जैसी बीमारियों के इलाज के संबंध में हतोत्साहित हो जाते हैं तब वे यहां आते हैं और ईश्वर की अनुकंपा से हमारी औषधियों के कमाल से वो ठीक हो जाते हैं। मांझी के पास हर दिन सौ से अधिक मरीज पहुँचते हैं।
उन्होंने बताया कि वनौषधियों में उपयुक्त मात्रा में शहद, लौंग एवं अन्य मसाले डालने होते हैं। वे कहते हैं कि जब तक साँसों में साँस हैं तब तक यह सेवा का काम करता रहूँगा। वे आने वाली पीढ़ी को भी इसकी शिक्षा दे रहे हैं। पद्मसे सम्मानित होने पर कलेक्टर बिपिन मांझी ने वैद्यराज हेमचंद मांझी को शुभकामनाएं एवं बधाई दी है। कलेक्टर मांझी ने कहा कि यह सम्मान जिले को गौरवांवित किया है।
अपने संदेश में उन्होंने कहा कि 5 दशकों से ज्यादा समय से बस्तर सहित पूरे छत्तीसगढ़ के ग्रामीणों को प्राकृतिक और किफायती स्वास्थ्य सेवा प्रदान कर रहे अबूझमाड़ के प्रख्यात वैद्यराज श्री हेमचंद मांझी जी को महामहिम राष्ट्रपति श्रीमती द्रौपदी मुर्मू जी के हाथों से पद्म श्री पुरस्कार से सम्मानित होने पर मेरी हार्दिक बधाई एवं शुभकामनाएं। ग्रामीण स्वास्थ्य सेवा के क्षेत्र में उनका निःस्वार्थ सेवाभाव हम सबके लिए प्रेरणादायक एवं अनुकरणीय है।
गौरतलब है कि नारायणपुर के छोटे डोंगर में जन्मे हेमचंद मांझी उस समय से लोगों का इलाज कर रहे हैं जब उस क्षेत्र में स्वास्थ्य सुविधाएं नहीं थी। अपने ज्ञान और सेवाभाव की बदौलत उन्होंने लोगों का इलाज शुरू किया और 5 पिछले दशकों से मरीजों का उपचार कर रहे हैं। छत्तीसगढ़ सहित आसपास के राज्यों एवं विदेशों में रहने वाले पीड़ित मरीज भी छोटे डोंगर पहुंचकर इलाज कराते हैं। जब हेमचंद मांझी को पद्म श्री पुरस्कार की घोषणा हुई थी तब मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने अपने निवास में आमंत्रित कर उनका सम्मान किया था।
श्री हेमचंद मांझी लोगो को किफायती चिकित्सा सेवाएं करने वाले पारंपरिक चिकित्सा के चिकित्सक हैं।
श्री हनुमान जयंती के पावन अवसर पर माननीय राष्ट्रपति श्रीमती द्रौपदी मुर्मू जी और माननीय राज्यपाल श्री गुरमीत सिंह जी ने परमार्थ निकेतन के अध्यक्ष स्वामी चिदानन्द सरस्वती जी और ग्लोबल इंटरफेथ वाश एलायंस की अन्तर्राष्ट्रीय महासचिव साध्वी भगवती सरस्वती जी के पावन सान्निध्य में विश्व विख्यात गंगा आरती में सहभाग किया।
परमार्थ निकेतन के दिव्य प्रांगण में स्वामी जी की साधना स्थली में विराजित माँ लक्ष्मी जी प्रतिमा को पुष्पहार अर्पित कर माननीय राष्ट्रपति जी ने शक्ति के प्रति श्रद्धा और भक्ति समर्पित की।

AVIJEET WANI ⚜️
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