Duniyajagat.in: इसी मांग को लेकर स्वायत्तशासी कर्मचारी महासंघ के प्रदेश अध्यक्ष और प्रतिनिधिमंडल ने बुधवार को बिलासपुर कलेक्ट्रेट में मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय के नाम ज्ञापन दिया था।
ज्ञापन देने के बाद नगरीय प्रशासन एवं विकास विभाग के अपर संचालक की ओर से 30.59 करोड़ के भुगतान का आदेश जारी कर दिया गया है।
जानकारी के अनुसार सीएम (duniyajagat.in) को इस संबंध में जानकारी मिली थी, इस पर उन्होंने उक्त आदेश के लिए कहा इसके बाद यह आदेश नगरीय प्रशासन विभाग के द्वारा जारी किया गया।
इस आदेश के जारी होने के बाद स्वायत्तशासी कर्मचारी महासंघ ने सीएम साय का आभार माना है।
जानकारी मिली है कि छत्तीसगढ़ (Chhattisgarh news) में आचार संहिता के चलते वेतन भुगतान में परेशानी हो रही थी, जबकि मौजूदा आदेश में स्पष्ट किया है कि आचार संहिता लागू होने के पहले से स्वीकृत और संचालित सभी कार्यों के प्लेसमेंट और दैनिक वेतनभोगी कर्मचारियों का अटका हुआ भुगतान किया जाए।
कर्मचारियों ने बिलासपुर (duniyajagat.in) कलेक्ट्रेट में जो ज्ञापन दिया इसमें जानकारी दी कि निकायों को वर्तमान में चुंगी क्षतिपूर्ति समेत अन्य अनुदान का लाभ साल 2011 की जनसंख्या के अनुसार दिया जा रहा है।
जबकि पिछले 10 सालों में निगम के क्षेत्र में काफी विस्तार हुआ है। क्षेत्र के विस्तार के कारण आबादी डेढ़ गुना बढ़ चुकी है। कलेक्ट्रेट में ज्ञापन देने वाले प्रतिनिधि मंडल में प्रतिनिधि मंडल में प्रदेश अद्यक्ष सुरेश तिवारी, शरद दुबे, अभिषेक मिश्रा आदि मौजूद थे।
अटके वेतन भुगतान जारी करने के आदेश जारी होते ही संघ के प्रतिनिधिमंडल ने सीएम और डिप्टी सीएम के प्रति आभार माना।
महासंघ ने मुख्यमंत्री (duniyajagat.in) के नाम ज्ञापन दिया है, सीएम को भेजे गए ज्ञापन में कर्मचारियों ने कई सुझाव दिए और और आरोप भी लगाए हैं।
महासंघ के प्रदेश (duniyajagat.in) अध्यक्ष सुरेश तिवारी व अन्य कर्मचारियों का आरोप है कि शासन द्वारा निगम की आवक को लगातार कम किया जा रहा है।
निगम की आय कम करने वाले टैक्स जैसे बाजार टैक्स बंद कर दिया है।
औद्योगिक कर, मुद्रांक शुल्क, वाणिज्यिक कर और चुंगी क्षतिपूर्ति राशि जनसंख्या के अनुपात में नहीं ली जा रही है। इसके चलते निगम की आय नहीं बढ़ रही है और निकाय अपने स्टाफ को समय पर वेतन का भुगतान नहीं कर पाते हैं।
महासंघ (duniyajagat.in) ने बताया कि निकायों को दी जाने वाली 35 रुपए प्रति व्यक्ति की दर से देय चुंगी क्षतिपूर्ति की राशि मध्यप्रदेश के बराबर 100 रुपए प्रति व्यक्ति की जाए।
हरियाणा सरकार की तर्ज पर ठेकेदारी प्रथा बंद की जाना चाहिए। सीधे कर्मचारी को भुगतान की व्यवस्था करने और चुंगी क्षतिपूर्ति समेत अन्य अनुदान की गणना वर्तमान जनसंख्या के अनुसार की जाना चाहिए। ये मांगे मुख्यमंत्री से की गई है। यह खबर कर्मचारियों के लिए अत्यधिक ख़ुसी का विषय है। k
इस मामले को लेकर कांग्रेस ने सरकार को घेरा था. हाल ही में कांग्रेस ने एक बयान जारी करते हुए कहा था कि स्वामी आत्मानंद स्कूलों में कार्यरत कर्मचारियों को 5 महीने से वेतन नहीं दिया जा रहा है. प्रदेश कांग्रेस संचार विभाग के अध्यक्ष सुशील आनंद शुक्ला ने कहा था कि स्कूलों को बंद करने की साजिश के तहत आत्मानंद स्कूलों के शिक्षकों को जब से बीजेपी की सरकार बनी है, तभी से वेतन नहीं दिया जा रहा है.
ताकि संविदा के आधार पर नियुक्त शिक्षक धनाभाव में स्कूल छोड़ दें और स्कूलों को बंद करने का बहाना खोजा जा सके.
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