International Icon Award 2024: छत्तीसगढ़ राज्य के एक छोटे से गाँव ग्राम पंचायत चन्द्रखुरी की शिखा गोस्वामी हुई “इंटरनेशनल आइकन अवॉर्ड 2024″से सम्मानित।
अविजीत वानी ✍️
15 जून 2024
Chhattisgarh news: साहित्य ही समाज का दर्पण है। लेखन एक ऐसी शैली है जिसके जरिए बड़े बड़े साहित्यकारों ने अपनी भावनाओं को उजागर किया है।
छत्तीसगढ़ राज्य के मुंगेली जिले की रहने वाली शिखा गोस्वामी “निहारिका” ने यह सोचा तक नहीं था कि कभी वह अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर अपनी पहचान बना पाएगी । तमाम कठिनाइयों को दरकिनार करते हुए इन्होंने ना सिर्फ अपनी पहचान बनाई बल्कि अपनी प्रेरक रचनाओं के जरिए समाज को एक नई दिशा प्रदान की।
गाजियाबाद अंतर्राष्ट्रीय हिन्दी साहित्य संस्थान द्वारा हर क्षेत्र में उत्कृष्ट कार्य करने वालों को “इंटरनेशनल आइकन अवॉर्ड 2024” से सम्मानित किया जाता है ।
इस पुरस्कार को पाकर शिखा का कहना है कि “वह बेहद खुश है इस सम्मान को पाकर । धीरे धीरे ही सही पर कम से कम वह अपनी मंजिल की ओर बढ़ती जा रही है।”
छत्तीसगढ़ के मुंगेली की शिखा गोस्वामी “निहारिका” कविता और शिक्षा के क्षेत्र में प्रेरणा की किरण हैं। शब्दों के प्रति अटूट जुनून के साथ, उन्होंने ऐसी कविताएँ गढ़ी हैं जो मानवीय अनुभव के साथ गहराई से जुड़ती हैं, जीवन की सुंदरता और जटिलता को उजागर करती हैं। अपनी भावनात्मक गहराई और गीतात्मक अनुग्रह के लिए प्रसिद्ध उनकी कविता ने कई लोगों के दिलों को छुआ है, जिससे उन्हें साहित्यिक हलकों से प
सराहना और प्रशंसा मिली है।
अपनी काव्यात्मक प्रतिभा के अलावा, शिखा एक समर्पित शिक्षिका हैं, जो ज्ञान और रचनात्मकता के साथ युवा दिमागों को आकार देने के लिए प्रतिबद्ध हैं। उनकी अभिनव शिक्षण पद्धतियों और सहानुभूतिपूर्ण दृष्टिकोण ने अनगिनत जीवन बदल दिए हैं, जिससे उनके छात्रों में सीखने और आलोचनात्मक सोच के प्रति प्रेम पैदा हुआ है। कविता और शिक्षा के क्षेत्र में शिखा का दोहरा योगदान उन्हें एक सच्ची पुनर्जागरण महिला के रूप में दर्शाता है, जिनका काम सीमाओं से परे है और दूसरों को समर्पण और दिल से अपने जुनून को आगे बढ़ाने के लिए प्रेरित करता है।
यह बड़े गर्व की बात है कि अंतर्राष्ट्रीय विश्व रिकॉर्ड्स ने शिखा गोस्वामी “निहारिका” को कविता और शिक्षण दोनों में उनकी असाधारण उपलब्धियों और स्थायी प्रभाव का सम्मान करते हुए अंतर्राष्ट्रीय आइकन पुरस्कार 2024 प्रदान किया है।
इसके साथ ही अन्य बहुत से माननीय जनों को यह प्रतिभाशाली सम्मान उनके गौरव पूर्ण कार्य हेतु इस संस्थान की ओर से दिया गया है।
बतातें चले कि इनकी अभी तक 8 पुस्तक प्रकाशित हो चुकी है जिनमें एक का विमोचन प्रतिष्ठित लोक गायिका आरु साहू ने किया था बाकि 7 विमोचित होनी बाकी है।
पुरस्कार प्राप्ति पर घर, परिवार, स्नेहीजन, शुभचिंतकों व अन्य राजयों के समस्त कवियों से बधाई एवम् शुभकामनाये प्राप्त हुई है। Home page-http://Duniyajagat.in
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