Malaria outbreak in Chhattisgarh: बिलासपुर में मलेरिया-डायरिया को लेकर हाई अलर्ट अब तक 5 सौ से ज्यादा केस, 5 लोगों की मौत; 54 गांव अति संवेदनशील।
अविजीत वानी ✍️
20 जुलाई 2024
छत्तीसगढ़ के बिलासपुर जिले में बढ़ते मलेरिया और डायरिया को लेकर हाई अलर्ट जारी कर दिया गया है। डायरिया-मलेरिया के अब तक 500 से ज्यादा मरीज मिल चुके हैं। कलेक्टर अवनीश शरण ने स्वास्थ्य विभाग, महिला बाल विकास, पंचायत ग्रमीण, नगर निगम को हाई अलर्ट पर रहने को कहा है।जानकारी के मुताबिक जिले में अब तक 5 लोगों की मौत हो चुकी है, जिसमें एक मौत डायरिया और 4 मलेरिया से हुई हैं। मलेरिया के 24 केस मिले हैं। इनमें 5 की हालत गंभीर है, जिनका सिम्स में इलाज चल रहा है। रतनपुर के सरकारी अस्पताल में बेड खाली नहीं हैं। वहीं 54 गांव मलेरिया के लिए अति संवेदनशील हैं।
रतनपुर में डायरिया के मरीज बढ़ते जा रहे हैं। खूंटाघाट क्षेत्र के कंदई पारा में 31 और महामाया पारा में 9 नए मरीजों की पुष्टि हुई है। बढ़ते मरीजों की संख्या से सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र रतनपुर की स्वास्थ्य व्यवस्था चरमरा गई है। एक बेड पर 2-2 मरीजों का इलाज किया जा रहा है। एक मरीज की इलाज के दौरान मौत हो चुकी है। वहीं कोटा में मलेरिया के तीन और नए मरीजों की पुष्टि हुई है।
शासकीय प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र खोंगसरा में फिर 3 मलेरिया पॉजिटिव भर्ती किए गए हैं। उनका इलाज किया जा रहा है। इसमें एक महिला, पुरुष और एक किशोर शामिल है। तीनों ग्राम पंचायत टांटीधार के आश्रित ग्राम चाटीदार के रहने वाले हैं।
मेडिकल स्टाफ गीता रटिया ने बताया कि प्रभारी मिथिलेश भारद्वाज दौरे पर हैं। पांच ग्राम पंचायतों के 14 आश्रित गांवों के लोग उपचार कराने अस्पताल आते हैं। डॉक्टर नहीं होने के कारण सीधे-साधे बैगा आदिवासी झोलाछाप डाक्टरों के भरोसे इलाज के लिए मजबूर हैं। झोलाछाप डॉक्टर घूम-घूम कर इलाज कर रहे हैं।
कोटा के 54 गांव मलेरिया के लिए अति संवेदनशील हैं। मौजूदा समय में इन गांवों में मलेरिया के मामले बढ़ने लगे हैं। तीन दिन के भीतर कोटा के आमागोहन, टांटीधार, करवा, कुरदर, खोंगसरा, टेंगनमाड़ा, कारमाटी, लमेर में मरीज मिल चुके हैं।मरीजों की हालत बिगड़ती जा रही है। मलेरिया पर नियंत्रण के लिए जल्द से जल्द ठोस कदम नहीं उठाए गए तो हालात और बिगड़ सकते हैं।
ग्राम पंचायत सिलपहरी के सरपंच दुष्यंत कुमार ने बताया कि इस पंचायत और आश्रित ग्राम कारीमाटी में इससे पहले कभी भी स्वास्थ्य शिविर नहीं लगाया गया है। स्वास्थ्य विभाग की ओर से मच्छरदानी और टैबलेट का वितरण किया गया है।
सरपंच दुष्यंत कुमार ने कहा कि मलेरिया, डेंगू के लिए संवेदनशील गांव होने के बाद भी स्वास्थ्य विभाग की ओर से कोई भी प्रभावी कदम नहीं उठाए गए।
ग्राम कारीमाटी पहुंच विहीन गांवों में से एक है। ये गांव पहाड़ पर बसा हुआ है। यहां टू व्हीलर भी बड़ी मुश्किल से पहुंच पाते हैं। यातायात का कोई भी साधन नहीं हैं। ज्यादातर पैदल ही आना-जाना होता है। इसी वजह से स्वास्थ्य विभाग की टीम भी इस गांव में नहीं जाती। ऐसे में ग्रामीणों को झोलाछाप डॉक्टरों से इलाज करवाने के लिए मजबूर होना पड़ता है।
स्वास्थ्य विभाग की टीम प्रभावित क्षेत्र में सर्वे करने का ही काम कर रही है। इसके अलावा मच्छर नियंत्रण, लार्वा खोजने, मच्छरों को मारने दवा का इस्तेमाल नहीं कर रहे हैं। जबकि क्षेत्र में मच्छरों का आंतक है। इसी वजह से मलेरिया से मौतें हो रही हैं और लगातार मरीज मिल रहे हैं।
जिला मलेरिया अधिकारी अनिल श्रीवास्तव ने बताया कि मलेरिया के हालात को नियंत्रण में लाने के लिए विभाग के सभी कर्मचारियों को लगा दिया गया है, जो प्रभावित क्षेत्र में सघन दौरे और सर्वे का काम कर रहे हैं। साथ ही मिलने वाले मरीजों का इलाज सिम्स में भर्ती कर कराया जा रहा है।
छत्तीसगढ़ के कोरबा जिले के ग्राम डूमरडीह में उल्टी-दस्त से पीड़ित एक पहाड़ी कोरवा बच्ची की मौत हो गई। बच्ची की उम्र 12 साल थी। दो दिन पहले इसी ब्लॉक के ग्राम गुरमा में 15 साल की लड़की की मौत हुई थी। लोगों के मुताबिक डायरिया की चपेट में कई लोग आ गए हैं। प्रदेश में बीते 13 दिनों में मलेरिया-डायरिया से 9 आदिवासियों की मौत हुई है।
छत्तीसगढ़ में डायरिया का प्रकोप जारी है। जांजगीर-चांपा जिले के ग्राम कोसीर में भी 80 से अधिक ग्रामीण डायरिया की चपेट में आ गए हैं। वहीं 17 साल के युवक ने दम तोड़ दिया। बताया जा रहा है कि नल जल योजना से घर में लगे नल की पानी पीने से बीमार हुए हैं। पामगढ़ सीएचसी अस्पताल में 35 से अधिक मरीजों का इलाज चल रहा है। बाकी ग्रामीण जिला अस्पताल जांजगीर और बिलासपुर के निजी अस्पताल में इलाज जारी है। गांव में 3 दिनों का स्वास्थ्य शिविर भी लगाया गया है।
कवर्धा जिले में भी मलेरिया, डायरिया जैसी बीमारियों से 5 बैगा आदिवासियों की मौत हो गई। इस पर CM साय ने अधिकारियों को जांच के निर्देश दिए थे। साय ने कहा कि बैगा आदिवासियों के लिए अब स्पेशल हेल्थ कैंप लगाए जाएंगे।मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय ने विशेष स्वास्थ्य जांच शिविर लगाने के निर्देश अधिकारियों को खुद दिए हैं। मुख्यमंत्री ने मंत्री विजय शर्मा और कबीरधाम के अफसरों से हालात की जानकारी ली है।
छत्तीसगढ़ के बस्तर में मलेरिया से जानलेवा हो रहा है। बीजापुर जिले में 2 बच्चियों की मौत हो चुकी है। वहीं पोटाकेबिन और आश्रम में रहने वाले 187 बच्चियों की भी मलेरिया रिपोर्ट पॉजिटिव आई थी। मामला सामने आने के बाद सोमवार को स्वास्थ्य मंत्री श्याम बिहारी जायसवाल बीजापुर पहुंचे थे।
Home page-http://Duniyajagat.in
AVIJEET WANI ⚜️
FOUNDER OF DUNIYAJAGAT.IN NEWS WEBSITE 📰🗞️
Balrampur News: बंद प्लांट से लगे खेत में 3 खोपड़ी-हड्डियां मिली:छत्तीसगढ़ में लापता मां-बेटी, बेटे…
Sargao News: मुंगेली के सरगांव में आज बड़ा हादसा हो गया। हाईटेंशन तार की चपेट…
Chhatisgarh News: छत्तीसगढ़ के 1 लाख 80 हजार शिक्षक आज हड़ताल पर:वेतन विसंगति, पदोन्नति सहित…
CYCLONE DANA ALERT: 8 जिलों में यलो अलर्ट...गिर सकती है बिजली तूफान 'दाना' के असर…
Ambikapur Airport: पीएम मोदी ने मां महामाया एयरपोर्ट का किया उद्घाटन: अब अंबिकापुर भी भरेगा…
Cyclone Dana: चक्रवाती तूफान 'दाना' को लेकर आया नया अपडेट, किन राज्यों पर असर, कितनी…