Exclusive

Mungeli News: छत्तीसगढ़ का देवरी गांव..जिसने 22 स्वतंत्रता सेनानी दिए असहयोग आंदोलन-बहिष्कार, अखबार निकाले, जेल भी गए; जवाहरलाल नेहरू को पैदल चलने पर होना पड़ा था मजबूर।

Mungeli News: छत्तीसगढ़ का देवरी गांव..जिसने 22 स्वतंत्रता सेनानी दिए असहयोग आंदोलन-बहिष्कार, अखबार निकाले, जेल भी गए; जवाहरलाल नेहरू को पैदल चलने पर होना पड़ा था मजबूर।

भारत आज 78वां स्वतंत्रता दिवस मना रहा है। देश को आजादी दिलाने में अनगिनत लोगों ने अपना जीवन न्योछावर कर दिया। छत्तीसगढ़ का एक ऐसा ही गांव, जिसने एक नहीं बल्कि 22 स्वतंत्रता संग्राम सेनानी दिए। हम बात कर रहे हैं मुंगेली जिले के देवरी गांव की।

Mungeli News: छत्तीसगढ़ का देवरी गांव..जिसने 22 स्वतंत्रता सेनानी दिए असहयोग आंदोलन-बहिष्कार, अखबार निकाले, जेल भी गए; जवाहरलाल नेहरू को पैदल चलने पर होना पड़ा था मजबूर।

देश को आजादी दिलाने में इस गांव के लोगों ने महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। भारत छोड़ो आंदोलन, सविनय अवज्ञा, विदेशी वस्तु बहिष्कार, असहयोग आंदोलन, जंगल सत्याग्रह जैसे आंदोलनों में भाग लिया। साल 1930 और 1932 में जेल भी गए।

1905 में बनारस के कांग्रेस अधिवेशन से जुड़े

22 सेनानियों में से एक हैं गजाधर साव। ग्राम देवरी के मालगुजार साव 1905 में बनारस के कांग्रेस अधिवेशन से आजादी के आंदोलन से जुड़ गए। 1917 में होमरूल आंदोलन के समय वे बिलासपुर शाखा के प्रमुख प्रतिनिधि थे। 1921 में विदेशी वस्तुओं के बहिष्कार और स्वदेशी के प्रसार में अग्रणी भूमिका निभाई।

कराची अधिवेशन में गांव के साथियों के साथ पहुंचे

25 मार्च 1931 में कांग्रेस के कराची अधिवेशन में गांव के करीब 24 साथियों के साथ पहुंचे। अधिवेशन के दौरान तत्कालीन अध्यक्ष सरदार वल्लभ भाई पटेल, साव की कार्यशैली से इतने प्रभावित हुए कि उन्होंने मंच से इन्हें ‘छत्तीसगढ़ का तेज-तर्रार नेता कहकर संबोधित किया।

गजाधर साव को हुई 3 महीने की कारावास

जनवरी 1932 में मुंगेली में विदेशी सामान बेचने वाले एक दुकान में पिकेटिंग करने पर अंग्रेज सरकार ने गजाधर साव को 3 माह का कारावास और 125 रुपए का अर्थदण्ड भी लगाया था। सामाजिक सुधार के प्रति भी साव बेहद जागरूक थे। एक बार महात्मा गांधी ने आजादी की दीवानगी पर कहा कि ‘साव जी, एक तो मैं पागल और आप मुझसे भी बड़े पागल हैं। ऐसे में देश आजाद होकर रहेगा।’

बड़े नेताओं की आम जनता से दूरी को साव नापसंद करते थे। 16 दिसंबर 1936 को कांग्रेस के प्रमुख पं जवाहरलाल नेहरू मुंगेली आए तो साव का आग्रह था कि वे आगर नदी पुल से पैदल ही नगर में प्रवेश करें। लेकिन उनकी बात नहीं मानी गई, जिससे वे नाराज हो गए और पुल पर धरना देकर लेट गए।

पं नेहरू को कार से उतरकर जाना पड़ा

मनाने की कोशिश की गई? पर वे नहीं माने? इस पर झल्लाकर पं नेहरू ने कहा कि अगर साव नहीं उठते हैं तो इसके ऊपर से ही कार को चला दो। पं नेहरू के इस उग्र रूप से भी साव ने अपनी जिद नहीं छोड़ी और आखिरकार कुछ दूर तक पं नेहरू को कार से उतरकर जाना ही पड़ा।

पं कालीचरण ने अखबार के जरिए किया विरोध

गजाधर साव के बाद नाम आता है पं कालीचरण शुक्ल का। अपनी सादगी, सरलता के लिए पूरे क्षेत्र में मुंगेली के गांधी के रूप में माने जाने वाले पं. कालीचरण शुक्ल अपने साप्ताहिक अखबार के माध्यम से अंग्रेजों के खिलाफ आवाज उठाते रहते थे। इस कारण उन्हें जुर्माना भरना पड़ता था और कई बार तो उनका प्रेस ही जब्त हो जाता था। लेकिन पंडित शुक्ल पैसे का इंतजाम कर जुर्माना भरते और फिर अंग्रेज शासन के खिलाफ आवाज बुलंद करना शुरू कर देते थे।

विदेशी कपड़ों का बहिष्कार करते पकड़े गए केशरवानी

विदेशी कपड़ों की खिलाफत में आगे रहे बाबूलाल केशरवानी ने भी आजादी की लड़ाई में अहम भूमिका निभाई। 1932 में 20 साल की आयु में ही साथियों के साथ गोल बाजार मुंगेली में घेवरचंद सूरजमल की कपड़ा दुकान के सामने विदेशी कपड़ों के बहिष्कार के लिए आंदोलन करते हुए पकड़े गए।

1942 में पिकेटिंग के समय पं.शुक्ल, सिद्धगोपाल त्रिवेदी, हीरालाल दुबे, कन्हैयालाल सोनी और अनेक लोगों के साथ उन्हें गिरफ्तार कर पहले बिलासपुर, फिर अमरावती जेल भेज दिया गया।

गांव में स्मारक या उनके नाम की पट्टिका तक नहीं

देवरी गांव के फ्रीडम फाइटर्स परिवार वाले आज भी उनके जज्बे को याद करते नहीं थकते। परिवार के लोगों का कहना है गांव में सेनानियों का स्मारक या उनके नाम की पट्टिका तक देखने को नहीं मिलती है। स्कूल का नाम सेनानियों के नाम पर रखने की मांग स्थानीय प्रशासन और जनप्रतिनिधियों से की गई थी, लेकिन कोई सुनने वाला नहीं है।

जानिए स्वतंत्रता संग्राम सेनानियों के नाम

देश की स्वतंत्रता के 25 साल पूरे होने पर 1972-73 में क्षेत्र के शहीदों और सेनानियों की याद में पुराना बस स्टैंड के पास एक शिलालेख स्थापित किया गया। जिसमें इन फ्रीडम फाइटर्स के नाम दर्ज हैं।

  • बान्दु उर्फ बन्दर
  • सदाशिव सतनामी
  • पं कालीचरण शुक्ल
  • रामदयाल ब्राम्हण
  • ​​​​​​ नारायण राव
  • रघुपतराव ब्राम्हण
  • हीरालाल दुबे
  • सदानंद लाल ब्राम्हण
  • अवधराम
  • ददना सोनार
  • कन्हैयालाल
  • मथुरा प्रसाद सोनार
  • गंगा प्रसाद
  • हरीराम
  • उदयाशंकर
  • ​​​​​​​ रामबुझास ब्राम्हण
  • ​​​​​​​ नारायण राव
  • भीखा जी ब्राम्हण
  • ​​​​​​​ बलदेव सिंह अदली
  • ​​​​​​​ बिसाहू
  • ​​​​​​​ रामचरण
  • ​​​​​​​ बाबूलाल केशरवानी
  • ​​​​​​​ द्वारिका प्रसाद केशरवानी
  • ​​​​​​​ छोटेलाल
  • ​​​​​​​ सरजू प्रसाद
  • देवदत्त भट्ट
  • विदेशी
  • शिवलाल
  • ​​​​​​​ कन्हैया
  • भाईराम सेंगवा
  • ​​​​​​​ भवानी शंकर
  • रघुबरप्रसाद
  • ​​​​​​​ श्यामलाल
  • घनाराम
  • ​​​​​​​ श्री सिद्धगोपाल
  • ​​​​​​​ अयोध्या प्रसाद
  • झाड़राम
  • ​​​​​​​ मुल्लूराम तमेर
  • ​​​​​​​ रामगोपाल
  • ​​​​​​​ बंशीधर तिवारी
  • गनपतलाल
  • ​​​​​​​ भागवत प्रसाद क्षत्री
  • गजानंद
  • ​​​​​​​ रामचंद्र साव

Recent Posts

Beef tallow: तिरुपति लड्डू में Beef Tallow की रिपोर्ट’ पर बोले रामजन्मभूमि मंदिर के पुजारी।

Beef tallow: तिरुपति लड्डू में Beef Tallow की रिपोर्ट' पर बोले रामजन्मभूमि मंदिर के पुजारी।…

6 hours ago

UPI Payments New Rule: सोमवार से बदल जाएगी UPI के जरिए लेन-देन की सीमा, जानें क्या है नई लिमिट?

UPI Payments New Rule: सोमवार से बदल जाएगी UPI के जरिए लेन-देन की सीमा, जानें…

2 days ago

Bilaspur news: बिलासपुर में ईद-मिलादुन्नबी पर फहराया फिलिस्तीन का झंडा:हिंदू संगठनों ने घेरा थाना, कहा- ऐसे लोगों को कोड़े मारने चाहिए; 16 लोग गिरफ्तार।

Bilaspur news: बिलासपुर में ईद-मिलादुन्नबी पर फहराया फिलिस्तीन का झंडा:हिंदू संगठनों ने घेरा थाना, कहा-…

3 days ago