paralympics india: नीरज-मनु के बाद सुमित अंतिल-अवनी लेखारा की बारी, रिकॉर्ड बनाने उतरेंगे पैरा-एथलीट।
टोक्यो पैरालंपिक में भारत ने 5 गोल्ड मेडल समेत कुल 19 मेडल अपने नाम किये थे, जो इन गेम्स में देश का सबसे बेहतरीन प्रदर्शन था. उस प्रदर्शन के बाद इस बार भारत ने रिकॉर्ड 84 एथलीट भेजे हैं और इसलिए इस बार 10 गोल्ड मेडल समेत कुल 25 मेडल जीतने का लक्ष्य रखा है.
पेरिस ओलंपिक 2024 खत्म होने के बाद अब बारी पैरालंपिक गेम्स की है. पेरिस में ही बुधवार 28 अगस्त से पैरालंपिक गेम्स 2024 की शुरुआत होने जा रही है. हर बार की तरह पेरिस में भी दुनियाभर के दिग्गज पैरा-एथलीट हिस्सा लेंगे, जो अपनी-अपनी शारीरिक सीमाओं और परेशानियों को पीछे छोड़कर जबरदस्त मुकाबला करते हुए अपने-अपने देश का नाम रोशन करेंगे.
पेरिस ओलंपिक की तरह पैरालंपिक में भी भारत का अब तक का सबसे बड़ा कंटिन्जेंट हिस्सा लेने जा रहा है, इसलिए इस बार टोक्यो गेम्स से भी ज्यादा मेडल की उम्मीद देशवासियों को है. एक बार फिर नजरें स्टार जैवलिन थ्रोअर सुमित अंतिल, राइफल शूटर अवनी लेखारा, बैडमिंटन स्टार कृष्णा नागर जैसे खिलाड़ियों पर रहेंगी, जिन्होंने पिछले गेम्स में गोल्ड मेडल जीते थे.
इस बार रिकॉर्ड एथलीट, उम्मीदें भी बढ़ी
पेरिस पैरालंपिक 28 अगस्त से शुरू हो रहा है 12 दिन तक जोरदार मुकाबलों के बाद 8 सितंबर को खत्म होंगे. इस बार भारत समेत कुल 169 देश इन गेम्स में हिस्सा ले रहे हैं. भारत की जहां तक बात है तो इस बार देश के ज्यादा खिलाड़ियों को अपना दम दिखाने का मौका मिलेगा, जबकि फैंस को ज्यादा एक्शन देखने को मिलेगा.
यानी ज्यादा मेडल की उम्मीदें. टोक्यो पैरालंपिक में भारत ने 5 गोल्ड मेडल समेत कुल 19 मेडल जीते थे और मेडल टेबल में 24वें स्थान पर रहा था. ये पैरालंपिक इतिहास में भारत का सबसे सफल अभियान था और इस बार इसे 25 मेडल तक पहुंचाने का लक्ष्य रखा गया है.
इस बार भारत की ओर से रिकॉर्ड 84 एथलीट पैरालंपिक गेम्स में हिस्सा ले रहे हैं, जो भारत की ओर से रिकॉर्ड भागीदारी है. पिछले गेम्स में ये संख्या 54 थी. एथलीट की संख्या में इजाफे के चलते ही इस बार 10 गोल्ड मेडल जीतने की उम्मीद की जा रही है.
इस बार कुल 12 गेम्स में भारतीय पैरा-एथलीट दावेदारी पेश करेंगे और पिछले बार की तरह उम्मीदें फिर से शूटिंग, बैडमिंटन और एथलेटिक्स से रहेंगी. सबको चौंकाते हुए पिछले गेम्स मे भारत को एथलेटिक्स में कुल 8 मेडल मिले थे, जबकि शूटिंग में 6 मेडल आए थे.
फिर गोल्ड जीतने उतरेंगे दिग्गज
शूटिंग में नजरें फिर से अवनी लेखारा और मनीष नरवाल पर रहेंगी. दोनों ने ही पिछले गेम्स में गोल्ड मेडल जीता था. अवनी महिलाओं की 10 मीटर एयर राइफल स्टैंडिंग SH1 कैटेगरी में हिस्सा लेंगी और गोल्ड का बचाव करने उतरेंगी. अवनी ने पिछले गेम्स में एक गोल्ड और एक ब्रॉन्ज जीता था. वहीं मनीष नरवाल मेंस पिस्टल शूटिंग में दावा ठोकेंगे. वो 10 मीटर एयर पिस्टल SH1 में हिस्सा लेंगे. पिछले गेम्स में उन्होंने मिक्स्ड टीम इवेंट का गोल्ड मेडल जीता था.
वहीं सबसे ज्यादा नजरें रहेंगी जैवलिन थ्रोअर सुमित अंतिल पर. तीन साल पहले टोक्यो गेम्स में नीरज चोपड़ा के ऐतिहासिक गोल्ड मेडल के कुछ ही दिनों बाद सुमित ने भी गोल्ड जीतकर तहलका मचा दिया था.
एक ही वक्त में भारत की झोली में दोनों गेम्स के गोल्ड मेडल ने जैवलिन थ्रो को पॉपुलर बनाने में मदद की थी. एक बार फिर अंतिल F64 कैटेगरी में अपने खिताब को बचाने उतरेंगे. वैसे इस इवेंट में मौजूद दावेदारों में इस सीजन का बेस्ट थ्रो- 69.50 मीटर अंतिल के नाम ही है. उनके अलावा संदीप और संदीप सरगार भी इसी इवेंट में दावेदारी पेश करेंगे.
प्रमोद भगत की खलेगी कमी
सुमित ही ओपनिंग सेरेमनी में भारतीय दल के ध्वजवाहक होंगे. उनके साथ गोला फेंक में दावेदारी पेश कर रहीं भाग्यश्री भी भारत की झंडा बरदार होंगी. भारत की उम्मीदों को एक बड़ा झटका बैडमिंटन स्टार प्रमोद भगत के न होने से लगा है, जिन्हें डोप टेस्ट से जुड़े एक अहम नियम के उल्लंघन के कारण डेढ़ साल के लिए बैन कर दिया गया है.
गेम्स शुरू होने से करीब 10 दिन पहले ही उन पर ये बैन लगा. भगत ने पिछले ओलंपिक में मेडल जीता था और इस बार भी वो दालेदार. ऐसे में उनकी जगह सारा दारोमदार कृष्णा नागर और उत्तर प्रदेश के गौतमबुद्ध नगर के जिलाधिकारी सुहास एलवाई पर रहेगा. कृष्णा ने पिछली बार गोल्ड जीता था, जबकि सुहास ने सिल्वर अपने नाम किया था.
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