Chhattisgarh Institute Of Medical Science: 20 से अधिक मरीजों के आंखों का तिरछापन हुआ दूर छत्तीसगढ़ का पहला सरकारी अस्पताल बना सिम्स, जहां आंख का हुआ जटिल ऑपरेशन।
बिलासपुर के छत्तीसगढ़ आयुर्विज्ञान संस्थान (CIMS) में जटिल सर्जरी कर गंभीर और दुर्लभ बीमारियों का इलाज किया जा रहा है। नेत्र रोग विभाग में आंखों का तिरछापन दूर करने के लिए 20 से अधिक मरीजों की सर्जरी की गई। यह संस्थान आंखों की जटिल समस्या का उपचार करने वाला छत्तीसगढ़ का पहला सरकारी अस्पताल बन गया है।
आंख के तिरछेपन को आम भाषा में भेंगापन भी कहा जाता है। मेडिकल भाषा में इसे स्क्यूनिट कहते हैं। इसमें मरीज की आंख सीधी रहने के बजाय बाहर या अंदर की तरफ घुमी हुई रहती है। आमतौर पर यह बीमारी बचपन से ही मरीज में दिखाई देने लगती है। जिस कारण मरीज की आंख की रोशनी भी कमजोर हो जाती है।
मानसिक दबाव में आ जाते हैं मरीज
मरीज इसके कारण एक मानसिक दबाव से गुजरने लगता है। लोगों के बीच में अपने आपको ले जाने से परहेज करने लगता है। ताकि वह उपहास का कारण न बने। साथ ही शादी और जाब में भी लोगों को परेशानी होती है। लोगों को यह जानकारी नहीं हो पाती है कि इसका इलाज संभव है। इसके लिए उम्र देखने की जरुरत नहीं है। आम बीमारी का पता लगते ही तत्काल परामर्श लेकर इलाज करा सकते हैं।
ऐसे मरीजों का सिम्स में हो रहा सफल इलाज
अब इस तिरछेपन का इलाज संभाग के सबसे बड़े अस्पताल में होने लगा है। इसकी सर्जरी से इस अस्पताल ने छत्तीसगढ़ में एक नया कीर्तिमान स्थापित किया है, क्योंकि प्रदेश के किसी भी सरकारी अस्पताल में आज तक आंखों के तिरछेपन का इलाज नहीं हो सका था।
दो वर्षो में सिम्स की नेत्र रोग सर्जन डॉ. प्रभा सोनवानी ने अपने टीम के साथ मिलकर बीस से भी अधिक बच्चों, युवक और युवतियों के तिरछेपन का सर्जरी द्वारा सफल इलाज करवाया है।
AVIJEET WANI ⚜️
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