Devendra Yadav: रायपुर जेल में देवेंद्र समर्थकों-पुलिस में झड़प, निकली बंदूक:बलौदाबाजार हिंसा में विधायक को जेल; भूपेश बोले-ऐसा काम न करें, नजरें मिलाने में दिक्कत हो।
छत्तीसगढ़ के बलौदाबाजार हिंसा मामले में गिरफ्तार विधायक देवेंद्र यादव को 3 दिन के लिए न्यायिक हिरासत में जेल भेज दिया गया है। पुलिस ने शनिवार को भिलाई स्थित निवास से कांग्रेस विधायक को गिरफ्तार किया था। गिरफ्तारी के विरोध में 21 अगस्त को कांग्रेस बड़ा प्रदर्शन करेगी।
भूपेश बघेल ने कहा, पुलिस से कहना चाहता हूं कि सरकारें आती-जाती रहती हैं, लेकिन ऐसा कोई काम ना करो, जिससे आपको नजरें मिलाने में दिक्कत हो। वहीं सीएम विष्णु देव साय ने कहा है कि, यह कोई राजनीतिक षड्यंत्र नहीं है। पुलिस ने सोच-समझ के कार्रवाई की है। उन्होंने कहा कि, विधायक देवेंद्र यादव छोटा-मोटा आदमी नहीं है।
रायपुर जेल में बवाल, प्रहरी ने तानी बंदूक
देर रात पुलिस कांग्रेस विधायक देवेंद्र को रायपुर सेंट्रल जेल लेकर पहुंची। विधायक संविधान की कॉपी भी हाथ में पकड़े हुए थे और उसे दिखाते रहे। इस दौरान बड़ी संख्या में उनके समर्थक मौजूद थे। पुलिस और समर्थकों के बीच जमकर धक्का-मुक्की हुई। कार्यकर्ता कैंपस में घुस गए। हालात बिगड़ते देख जेल प्रहरी ने कार्यकर्ताओं पर बंदूक तान दी।
21 को हल्ला बोल, 20 को विधायक दल की बैठक
देवेंद्र यादव की गिरफ्तारी के विरोध में कांग्रेस 21 अगस्त को बड़ा प्रदर्शन करने जा रही है। इससे पहले 20 अगस्त को नेता प्रतिपक्ष डॉक्टर चरण दास महंत ने विधायक दल की बैठक बुलाई है। बैठक सुबह 10:30 बजे विधानसभा में होगी। इसमें सभी कांग्रेस विधायकों को शामिल होने के लिए कहा गया है
जानिए देवेंद्र यादव की गिरफ्तारी पर क्या बोले नेता…
छत्तीसगढ़ प्रदेश कांग्रेस प्रभारी सचिन पायलट ने विधायक देवेंद्र यादव की गिरफ्तारी को निंदनीय बताया है। उन्होंने कहा कि, सतनामी समाज को न्याय दिलवाने में नाकाम साबित हुई राज्य की भाजपा सरकार अपनी विफलताओं को छिपाने के लिए इस मुद्दे का राजनीतिकरण कर रही है।
भूपेश बोले- गृहमंत्री के इशारे पर कार्रवाई
पूर्व CM भूपेश बघेल ने कहा कि देवेंद्र यादव पर जितनी धाराएं लगाई गई हैं, पुलिस को एक साक्ष्य प्रस्तुत करना चाहिए। गृहमंत्री कहते हैं पूछताछ कर रहे हैं, लेकिन विधायक जेल में है। मुख्यमंत्री और उप मुख्यमंत्री के निर्देश से कार्रवाई हो रही है।
गिरफ्तारी से पहले भिलाई में क्या-क्या हुआ?
बलौदाबाजार पुलिस भिलाई विधायक देवेंद्र यादव के घर पहुंची थी। वहां पहले से ही निवास के बाहर समर्थकों की भारी भीड़ मौजूद थी। उसने पुलिस को अंदर नहीं जाने दिया। इसके बाद प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष दीपक बैज भी उनके निवास पहुंचे गए।
दीपक बैज, अरुण वोरा समेत कई नेताओं के आने के बाद पुलिस अफसरों से करीब 2-3 घंटे बातचीत चली। इसके बाद देर शाम पुलिस बल बुलाया गया। गिरफ्तारी से पहले देवेंद्र यादव सफेद झंडा और संविधान पकड़कर जोश में लड़ेंगे-लड़ेंगे कहते दिखे।
आखिरकार देवेंद्र यादव को उनके आवास से पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया। इस दौरान कार्यकर्ताओं और पुलिस में झड़प भी हुई, लेकिन विधायक को लेकर टीम बलौदाबाजार रवाना हो गई।
बलौदाबाजार में क्या-क्या हुआ?
गिरफ्तारी के बाद देवेंद्र यादव को बलौदाबाजार के पुलिस लाइन स्थित आजाक थाने लाया गया। इसके बाद रात 10 बजे विधायक देवेंद्र यादव को लेकर पुलिस सीजेएम कोर्ट में पेश करने पहुंची। इस दौरान जिला एवं सत्र न्यायालय और पुलिस कंट्रोल रूम के सामने सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम किए गए। रात में करीब दो से तीन हजार कांग्रेसी कार्यकर्ता कार्रवाई के विरोध में नारेबाजी करते रहे।
पुलिस ने कोर्ट से न्यायिक रिमांड की मांग की जिसे कोर्ट ने मंजूर कर लिया। भिलाई नगर विधायक देवेंद्र यादव को पुलिस न्यायिक रिमांड पर रायपुर जेल शिफ्ट के लिए लेकर रवाना हुई। 3 दिन बाद फिर से कोर्ट में उन्हें पेश किया जाएगा।
बलौदाबाजार एसपी विजय अग्रवाल ने बताया कि, 10 जून को आगजनी की घटना को लेकर FIR दर्ज की गई थी। उसी में विधायक देवेंद्र यादव की गिरफ्तारी की गई। उनको कोर्ट में पेश किया गया, जहां से 20 अगस्त तक उन्हें न्यायिक अभिरक्षा में भेजा है।
बलौदाबाजार हिंसा मामले में कई नोटिस जारी हुए
गिरफ्तारी के दौरान दीपक बैज, अरुण वोरा समेत युवा कांग्रेस कार्यकर्ता भी मौजूद थे। वहीं पुलिस अफसरों में बलौदाबाजार ASP अभिषेक सिंह, TI बलौदाबाजार के अलावा दुर्ग ASP अभिषेक झा, ASP सिटी सुखनंदन राठौर भी मौजूद थे।
बलौदाबाजार हिंसा मामले में देवेंद्र यादव को लगातार नोटिस जारी किया गया था। चौथी बार नोटिस जारी होने के बाद विधायक ने बयान देने जाने से मना किया। उन्होंने कहा था कि पुलिस को जो भी बयान लेना है, उनके पास आए और लेकर जाए।
जेल में बंद युवाओं पर बनाया जा रहा गलत बयान का दबाव
गिरफ्तारी से पहले देवेंद्र यादव ने भाजपा सरकार पर आरोप लगाया कि जेल में बंद सतनामी समाज के युवाओं को मेरे खिलाफ जबरन बयान देने के लिए धमकाया जा रहा है। उनसे ये बोलने को कहा जा रहा है कि देवेंद्र यादव 12 गाड़ियों में भरकर लोगों के साथ आए थे।
देवेंद्र यादव एक बार 22 जुलाई को बलौदाबाजार पहुंचकर बयान दर्ज भी करा चुके हैं। विधायक के मुताबिक वो अपने राजनीतिक काम छोड़कर बार-बार बयान दर्ज कराने बलौदाबाजार नहीं आएंगे। मैंने अपना जवाब पुलिस को भेज दिया है। जरूरत पड़ने पर मैं राज्यपाल से मुलाकात करूंगा। न्यायालय की सहायता से इसका सामना करूंगा।
3 मामलों की एक साथ चल रही जांच
देवेंद्र यादव के खिलाफ बलौदाबाजार हिंसा का पहला मामला जांच में नहीं है, उनके खिलाफ कोयला घोटाला और कथित MMS मामले की भी जांच चल रही है। कुछ दिन पहले भिलाई नगर पुलिस ने भी उन्हें नोटिस जारी कर फोटो वीडियो के लिए थाने बुलाया था।
देवेंद्र वहां भी दोबारा बयान दर्ज कराने नहीं गए। उन्होंने कहा वह थाने जाकर अपना बयान एक बार दे दिए हैं। लिखित में भी दिया है कि जांच में जो भी आगे पूछताछ या जानकारी चाहिए, उनके कार्यालय में आकर ले लें।
देवेंद्र यादव को 3 बार मिल चुका है नोटिस
कलेक्ट्रेट में आगजनी के मामले में पूछताछ के लिए बलौदाबाजार पुलिस देवेंद्र यादव को तीन बार नोटिस जारी कर चुकी है। इसके बाद देवेंद्र यादव ने बलौदाबाजार जाकर पुलिस अधीक्षक से मुलाकात की थी।
बलौदाबाजार हिंसा की टाइमलाइन…
- 15 मई: सतनामी समुदाय के धार्मिक स्थल गिरौदपुरी धाम से करीब 5 किमी मानाकोनी बस्ती स्थित बाघिन गुफा में लगे धार्मिक चिन्ह जैतखाम को देर रात क्षतिग्रस्त कर दिया गया था।
- 16 मई : सुबह लोगों को पता चला तो उन्होंने मौके पर कार्रवाई की मांग को लेकर प्रदर्शन किया।
- 17 मई : पुलिस ने मामला दर्ज कर किया।
- 19 मई : मानाकोनी बस्ती में समाज के लोगों ने आरोपियों की गिरफ्तारी की मांग को लेकर चक्का-जाम किया था। इस दौरान समाज के गुरु और पूर्व मंत्री रुद्रकुमार ने कार्रवाई की मांग की, वहीं गुरु खुशवंत साहेब ने कांग्रेस सरकार में हुए प्रदर्शन की याद दिलाई।
- 19 मई : पुलिस ने इस मामले में बिहार निवासी 3 आरोपियों को गिरफ्तार किया। पूछताछ में पता चला कि नल-जल योजना कार्य में ठेकेदार पैसे नहीं दे रहा था। इसलिए शराब के नशे में आरोपियों ने तोड़फोड़ कर दी।
- 20 मई : समाज के लोगों की बैठक हुई। इसमें कहा गया कि गलत आरोपियों की गिरफ्तारी हुई है। जो दोषी हैं, उन्हें पकड़ा जाए। वहीं आंदोलन की रूप रेखा तैयार हुई।
- 21 मई : पुलिस और प्रशासन को दोषियों की गिरफ्तारी को लेकर ज्ञापन सौंपा गया। इसके बाद से ही लगातार समाज के लोग आवेदन देकर जांच और कार्रवाई की मांग करते रहे।
- 08 जून : कलेक्टर ने प्रशासनिक अफसरों, पुलिस अफसरों और समाज के लोगों के साथ शांति समिति की बैठक बुलाई। इसमें अपील की गई कि आंदोलन से बचें। साथ ही जांच में तेजी लाने की बात कही गई।
- 09 जून: डिप्टी CM और गृहमंत्री विजय शर्मा ने न्यायिक जांच कराने के निर्देश दिए। इसी दिन प्रशासन की अनुमति से कलेक्ट्रेट के पास दशहरा मैदान में समाज ने 10 जून को एक दिवसीय प्रदर्शन की अनुमति मांगी।
- 10 जून : इसी प्रदर्शन के दौरान अचानक से लोग उग्र हो गए और बवाल बढ़ता चला गया। हिंसा के दौरान कलेक्टर-एसपी दफ्तर में आगजनी की गई। कई गाड़ियां जला दी गई।
- 10 जून : मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय ने उच्च स्तरीय बैठक बुलाई। इसमें उपद्रवियों की गिरफ्तारी के आदेश जारी किए गए। मौके पर IG और कमिश्नर को भेजकर रिपोर्ट तलब की गई है, 7 अलग-अलग FIR दर्ज की गई। 73 आरोपी गिरफ्तार हुए, 200 हिरासत में लिए गए। उपद्रवियों की तलाश के लिए पुलिस की 12 टीमें और जांच के लिए 22 पुलिस अफसरों की टीम बनाई गई।
- 11 जून : पुलिस ने शाम तक 100 से ज्यादा आरोपियों को गिरफ्तार किया। उपद्रवियों की गिरफ्तारी के लिए पुलिस की 12 टीमें बनाई गईं। कई जगह छापामार कार्रवाई। मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय ने मीटिंग में अधिकारियों की बैठक लेकर नाराजगी जताई। देर रात आईएएस दीपक सोनी को नया कलेक्टर और विजय अग्रवाल को नया एसपी नियुक्त किया गया। हटाए गए कलेक्टर केएल चौहान को मंत्रालय में विशेष सचिव और एसपी सदानंद कुमार को पुलिस मुख्यालय भेजा
- 12 जून : भाजपा के आरोपों पर पूर्व मंत्री गुरु रुद्र कुमार गिरफ्तारी देने के लिए थाने पहुंचे। उन्होंने मंत्रियों के माफी नहीं मांगने पर मानहानि का केस करने की चेतावनी दी।
- 13 जून : कांग्रेस की 7 सदस्यीय जांच टीम घटना स्थल पर पहुंची। उसने धार्मिक स्थल पर पूजा-अर्चना की। टीम के संयोजक और पूर्व मंत्री डॉ. शिव कुमार डहरिया ने कहा कि, जैतखाम को क्षतिग्रस्त किया गया, तब FIR भी नहीं हुई।
- 15 जून: भीम रेजिमेंट के रायपुर संभाग अध्यक्ष जीवराखन बांधे जगदलपुर से गिरफ्तार, सूत्रों के मुताबिक प्रदेश उपाध्यक्ष उमेश सोनवानी को भी रायपुर से पकड़ा गया।
- 17 जून: प्रशासन ने जिले में 20 जून तक धारा-144 बढ़ा दी।
- 18 जून: कांग्रेस ने प्रदेशस्तरीय धरना प्रदर्शन किया।
- 21 जून: एक आरोपी गिरफ्तार किया गया जिसने बवाल के दौरान कलेक्ट्रेट के बाहर तिरंगा फहराने वाले पोल पर सफेद झंडा लगाया था। 21 जून को शहर में लगाई गई धारा-144 जिला कार्यालय तक सीमित की गई।
- 25 जून: घटना के 7 और आरोपी गिरफ्तार।
- 29 जून: भीम आर्मी के प्रदेश उपाध्यक्ष दिनेश आजाद, प्रदेश महासचिव राम स्वरूप महिलांगे और एक आरोपी को गिरफ्तार किया गया।
- 6 जुलाई: युवा कांग्रेस जिलाध्यक्ष शैलेंद्र बंजारे और प्रवीण महिलांगे को पुलिस ने गिरफ्तार किया।
- 7 जुलाई: जांजगीर-चांपा में भीम आर्मी का पूर्व जिला अध्यक्ष ओमप्रकाश बंजारे अरेस्ट हुआ।
- 15 जुलाई: हिंसा की रणनीति बनाने वाला मोहन बंजारे समेत 4 और गिरफ्तार। अब तक 163 की गिरफ्तारी।
- 16 अगस्त: बलौदाबाजार हिंसा मामले में कांग्रेस पार्षद पंकज उर्फ गोल्डी मरैया को बुधवार को गिरफ्तार किया गया। आगजनी करने के आरोप में किसी जनप्रतिनिधि की यह पहली गिरफ्तारी है।
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